इस्लाम में ज़कात का मसला: 2025 में किसे, कितना और कैसे देना है? पूरी जानकारी

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ज़कात इस्लाम के पाँच बुनियादी स्तंभों में से एक है, जो समाज में आर्थिक संतुलन बनाने का पावन तरीका है। अगर आप 2025 में ज़कात देने की योजना बना रहे हैं, तो यह लेख आपके हर सवाल का जवाब देगा।

ज़कात क्या है और क्यों ज़रूरी है? (What is Zakat in Islam?)

ज़कात अरबी शब्द है जिसका मतलब है "शुद्धिकरण" या "वृद्धि"। यह हर सक्षम मुसलमान पर फ़र्ज़ है, जो अपनी संपत्ति का एक निश्चित हिस्सा गरीबों और ज़रूरतमंदों में बाँटता है।

  • कुरआन में उल्लेख: सूरह अत-तौबा (9:60) में अल्लाह ने ज़कात के 8 हकदार बताए हैं।

  • सामाजिक उद्देश्य: गरीबी कम करना, समाज में भाईचारा बढ़ाना, और संपत्ति को 'हलाल' तरीके से बढ़ाना।


ज़कात कब फ़र्ज़ होती है? (Conditions for Zakat)

ज़कात देने के लिए निम्नलिखित शर्तें पूरी होनी चाहिए:

1. मुसलमान होना: केवल मुसलमानों पर ज़कात फ़र्ज़ है।

2. स्वतंत्र और समझदार: गुलाम या बच्चों पर ज़कात नहीं।

3. निसाब की मालिकी: संपत्ति एक निश्चित न्यूनतम सीमा (निसाब) से अधिक हो।

4. पूरा साल गुज़र जाना: संपत्ति पर एक चंद्र वर्ष (354 दिन) बीत जाए।


2025 में निसाब की गणना (Nisab Calculation for 2025)

निसाब का आधार सोना या चाँदी की कीमत है। 2025 के लिए अनुमानित गणना:

  • सोने के हिसाब से: 87.48 ग्राम सोना (≈ ₹5,500/ग्राम) = ≈ ₹4,81,140

  • चाँदी के हिसाब से: 612.36 ग्राम चाँदी (≈ ₹60/ग्राम) = ≈ ₹36,741

नोट: निसाब का पैमाना चाँदी के हिसाब से ज़्यादा फ़ायदेमंद है, क्योंकि इससे ज़कात देने वालों की संख्या बढ़ती है। हनफी मत के अनुसार चाँदी का निसाब मान्य है।


किन चीज़ों पर ज़कात देना है? (What Assets are Zakatable?)

ज़कात निम्नलिखित संपत्तियों पर लागू होती है:

  • नकदी, बैंक बैलेंस, सोना-चाँदी, जेवरात (उपयोग से अधिक)।

  • व्यापारिक सामान (दुकान का माल, स्टॉक)।

  • निवेश (शेयर, म्यूचुअल फंड) – डिविडेंड सहित।

  • कृषि उपज (5% या 10%, सिंचाई के साधन के अनुसार)।

गैर-ज़कात योग्य संपत्ति: घर, गाड़ी, पहनने के कपड़े, रोज़मर्रा के सामान।


2025 में ज़कात की गणना कैसे करें? (Zakat Calculation in 2025)

ज़कात की दर 2.5% (सवा दो प्रतिशत) है। उदाहरण के साथ समझें:

  • अगर आपके पास कुल संपत्ति (नकद + सोना + व्यापारिक माल) ₹5,00,000 है, तो
    ज़कात = 5,00,000 × 2.5% = ₹12,500

ध्यान रखें:

  • कर्ज़ (लोन) को संपत्ति में से घटा दें।

  • निसाब पूरा होने पर ही ज़कात दें।


ज़कात किसे दें? 8 हकदार (Who is Eligible for Zakat?)

कुरआन (9:60) के अनुसार ज़कात केवल इन 8 वर्गों को दी जा सकती है:

1. फ़कीर: जिसके पास कुछ भी न हो।

2. मिस्कीन: जो फ़कीर से थोड़ा बेहतर है।

3. आमिल: ज़कात वसूल करने वाले कर्मचारी।

4. मुअल्लफ़-अल-कुलूब: नए मुसलमान या दिल जीतने वाले।

5. रिक़ाब: गुलामों की आज़ादी के लिए।

6. ग़ारिम: कर्ज़ से दबे व्यक्ति।

7. फ़ी सबीलिल्लाह: अल्लाह के रास्ते में लगे लोग (मदरसे, मस्जिद)।

8. इब्न-अस-सबील: मुसाफ़िर जो धनहीन हो।

निषिद्ध: ख़ुद का परिवार (पत्नी, बच्चे), धनी व्यक्ति, गैर-मुस्लिम।


2025 में ज़कात देते समय ध्यान रखने वाली बातें (Key Tips for Zakat 2025)

  • समय पर दें: जैसे ही निसाब पूरा हो, देरी न करें।

  • सीधे हाथ से दें: गुप्त रूप से देना बेहतर।

  • इरादा ज़रूरी: दिल में नियत करें कि यह अल्लाह के लिए है।

  • डिजिटल तरीके: विश्वसनीय संस्थाओं के माध्यम से ऑनलाइन ज़कात दें।


आम सवाल-जवाब (FAQs on Zakat)

Q1. क्या रिश्तेदारों को ज़कात दी जा सकती है?
हाँ, अगर वे 8 हकदारों में आते हैं और आपकी ज़िम्मेदारी नहीं (जैसे बहन, चाचा)।

Q2. क्या म्यूचुअल फंड पर ज़कात देनी होगी?
हाँ, अगर उनकी वैल्यू निसाब से अधिक है और साल पूरा हुआ हो।

Q3. गहने पर ज़कात कब दें?
सोने-चाँदी के जेवरात (उपयोग से अधिक) पर 2.5% ज़कात।


गलतियाँ जिनसे बचें (Common Mistakes to Avoid)

  • निसाब की गणना न करना।

  • ज़कात की रकम को दान समझकर कम देना।

  • ऐसे संस्थानों को देना जो ज़कात के हकदार नहीं।


ज़कात सिर्फ़ एक कर नहीं, बल्कि अल्लाह के प्रति कृतज्ञता और मानवता की सेवा है। 2025 में अपनी ज़िम्मेदारी समझें, सही हिसाब करें, और ज़कात देकर समाज को सशक्त बनाएँ। अगर कोई शंका हो, तो किसी विश्वसनीय आलिम से सलाह लें।

ज़कात दें, दुआएँ लें, और बरकत बढ़ाएँ! 🌟

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